सवाल - खरिजी किसे कहते हैं और उनका अकीदा कया है?
Khariji Kise Kahte Hain- Khariji Ka Aqeeda Kya Hai
जवाब→ खरिजी एक गुमराह फ़िरका है जो जंगे सफफैन के मौके पर ज़ाहिर हुआ वजह यह हुई कि यह लोग हज़रत अली के साथ मिलकर हज़रत अमीरे मआविया से जंग कर रहे थे,
हज़रत अली और हज़रत अमीर मआविया की सुलह
Hazrat Ali Aur Hazrat Ameer e Muawiya Ki Sulh
दौराने जंग ही हज़रत अमीर मआविया और हज़रत अली के दरमयान सुलह की बात चीत होने लगी, तो यह लोग यह कहकर "ला हुक-म-इल्लल्लाह" यानी (अल्लाह के सिवा किसी का हुक्म नहीं) हज़रत अली से जुदा हो गऐ और आप पर तबर्रा करने लगे और बग़ावत पर उतर आए।
सहाबा ए इकराम को काफिर ?
यहाँ तक कि अब यह लोग उन सहाबियों की जिन्हों ने आपस में लड़ाइयाँ लड़ीं जैसे हज़रत तलहा, हज़रत जुबैर, हज़रत उसमान, हज़रत अली, हज़रत अमीर मआविया, हज़रत उमर बिन आस को काफिर कहते हैं
और मुसलमानों के खून और उनके माल को जाइज़ समझते हैं।
खरिजी का अकीदा?
Khariji Ka Aqeeda
उनका अकीदा यह भी है कि गुनाहे कबीरा (बड़े गुनाह) का करने वाला काफिर है। (2) क्यास और इजमाऊ कोई दलील नहीं बल्कि इन दोनों का इन्कार करते हैं। (3) इमामे वक़्त पर खुरूज व किताल जाइज़ है। (4) इमाम का करशी होना ज़रुरी नहीं इन्साफ करने वाला होना काफी है
रद्दूल मोहतार जिल्द 3 पेज 319 ,
फ़तवा अजीज़िया जिल्द 1 पेज 107
मज़हेबुल इस्लाम पेज 456-470
LASHKAR E RAZA
