फर्ज़ वा फ़र्जे ऐन और फ़र्जे किफ़ाया किसे कहते हैं | Farz E Aain Aur Farz e Qifaya Kise Kahte Hain



फ़र्ज़ किसे कहते हैं ?

फ़र्ज़ वोह है जो शरीअत की यक़ीनी दलील से साबित हो इस का करना ज़रूरी, और बिला किसी उम्र के इस को छोड़ने वाला फ़ासिक और जहन्नमी और इस का इन्कार करने वाला काफ़िर है*

Example: Namaz O Roza Aur Hajj O Zakat Etc...


फिर फ़र्ज़ की दो किस्में हैं एक फ़र्जे ऐन, दूसरे फ़र्जे किफ़ाया


फ़र्जे ऐन वोह है→

जिस का अदा करना हर आकिल व बालिग मुसलमान पर ज़रूरी है जैसे नमाजे पन्नगाना वगैरा*


और फ़र्जे किफ़ाया वोह है→

जिस का करना हर एक पर ज़रूरी नहीं बल्कि बाज़ लोगों के अदा कर लेने से सब की तरफ़ से अदा हो जाएगा, और अगर कोई भी अदा न करे तो सब गुनाहगार होंगे जैसे नमाज़े जनाज़ा वगैरा.!


📕(जन्नती जेवर सफ़ह सफ़ह 207)

MUHAMMAD SAQIB

My Name Is Muhammad Saqib Raza Qadri Qureshi ( SAQIB QADRI ASJADI ) From PILIBHIT Nearest Bareilly Uttar Pradesh India 262001 | I am currently pursuing Bachelor of Arts

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