हुज़ूर صلی الله عليه وسلم ने फ़रमाया
Chua छूत ki Koi Haqiqat Nahi Badshugni Kuch Nahi Aur Safar Ka Mahina Manhoos Nhi
📕(बुख़ारी:5757)
अपनी नेकी पर ज्यादा लोगों को गवाह बनाओ
हुज़ूर صلی الله عليه وسلم ने फ़रमाया→
जिस मुसलमान की अच्छाई पर 4 शख्स गवाही दें अल्लाह पाक उसे जन्नत में दाखिल फरमाएगा , सहाबा ने अर्ज़ किया अगर 3 गवाही दें तो हुज़ूर ने फरमाया 3 पर भी फिर सहाबा ने पूछा 2 पर तो हुज़ूर ने फरमाया 3 पर भी।
📕(Sahi Bukhari 1368)
हज़रत अबू हुरैरा رضی اللہ عنہ बयान करते हैं हुज़ूर ए अकदस صلی الله عليه وسلم ने खाने पीने की चीजों में फूंक मारने से मना फरमाया है।
📚 `M Zawaid #7888`
प्यारे आका ﷺ इस कदर 📚 ठहर ठहर कर गुफ्तगू फरमाते थे के अगर कोई शख़्स (आका ﷺ के अल्फ़ाज़) गिन लेना चाहता तो गिन सकता था!*
📕 बुख़ारी शरीफ़ 3567)*
रसूल अल्लाह صلی الله عليه وسلم ने फ़रमाया*
अपने बारे में ख़ैर के सिवा कुछ न कहो, क्योंकि जो कुछ तुम कहते हो फ़रिश्ते उस पर आमीन कहते हैं.!
📕(Sahih Muslim 2130)
हज़रत इबादा رضي الله عنه से मरवी है, इल्म इबादत से बेहतर है
📘(कंज़ुल उम्माल जिल्द सफ़ह 76)
हज़रत Ibne Abbas رضي الله عنه से रिवायत है,
Raat Me Ghadi Ilm Ka Padna Puri Raat Jagne Se Behtar Hai
हजरत मौलाना अली कारी رحمت اللہ علیہ तहरीर फ़रमाते हैं इस हदीस शरीफ का मतलब ये है, के एक घंटा आपस में इल्म की तकरार करना उस्ताद से पढ़ना शागिर्द को पढ़ाना,Kitab Tasneef Karna YA Unka Muta'aala karna raat bhar ki ibadat se behtar hai
📗(मिश्कात शरीफ़ सफ़ह 36)
📕(मिर्क़ात शरह मिश्कात जिल्द 1 सफह 251)