किसी का मज़ाक उड़ना कैसा ?
हुजूर صلی الله عليه وسلم ने फरमाया→
कियामत के रोज़ लोगों का मजाक उड़ाने वाले के सामने जन्नत का एक दरवाजा खोला जाएगा और कहा जाएगा कि आओ, तो वोह बहुत ही बेचैनी और ग़म में डूबा हुवा उस दरवाज़े के सामने आएगा मगर जैसे ही दरवाज़े के पास पहुंचेगा वोह दरवाज़ा बंद हो जाएगा, फिर जन्नत का एक दूसरा दरवाज़ा खुलेगा और फ़िर पुकारा जाएगा कि आओ
चुनांचे ये बेचैनी और रंजो ग़म में डूबा हुआ उस दरवाज़े तक जाएगा तो वोह दरवाज़ा भी बंद हो जाएगा, इसी तरह उसके साथ यह मामलात होते रहेंगे यहां तक कि जब दरवाज़ा खुलेगा और पुकार पड़ेगी तो वो नहीं जाएगा*
आज कल अक्सर देखा जाता है कि बहुत से लोग एक दूसरे का मजाक उड़ाते है, अगर हम इस आदत से बाज़ नहीं आए तो याद रखें ऊपर लिखे मामलात हमारे साथ भी हो सकते हैं.!*
📕(मुकशफतुल कुलुब स 160)