क्या शाने रज़ा शाने रज़ा शाने रज़ा है | Kya Shan e Raza Shan e Raza Hai - Manqabat e Raza

क्या शाने रज़ा शाने रज़ा शाने रज़ा है | Kya Shan e Raza Shan e Raza Hai - Manqabat e Raza

 

हस्साने नबी से भी मिली शायरी जिसको

याराने नबी से मिला इश्के नबी जिसको 

वो वासिफ व शैदाए शहीदाने वफा है 

क्या शाने रज़ा शाने रज़ा शाने रज़ा है


नोंअमान से वरसे में फकाहत भी मिली है 

गौसे शहे जीलां से करामत भी मिली है 

तू नाइबे ख्वाजा है तेरा कहना ही क्या है 

क्या शाने रज़ा शाने रज़ा शाने रज़ा है


हर एक गुले गुलज़ार नकी रश्के चमन है 

उस्ताज़ ए ज़मन कोई शहंशाहे सुखन है 

हसनैन रज़ा है कोई तहसीन रज़ा है

क्या शाने रज़ा शाने रज़ा शाने रज़ा है


एक हुज्जतुल इस्लाम हैं एक मुफ्तीए आज़म

एक गुल है जिसे कहते हैं जीलानी मियां हम

है ताजे शरीअत कोई रैहान रज़ा है

क्या शाने रज़ा शाने रज़ा शाने रज़ा है 


जिस जिस पे हुई खास तेरी नज़रे इनायत 

वह सदरुल अफाजिल है कोई सदरुश शरीअत 

टुकड़ों से पला तेरे कोई शेर रज़ा है

क्या शाने रज़ा शाने रज़ा शाने रज़ा है 


दीनार से दिरहम से मिसाईल से न बम से 

हर जंग को सर उसने किया अपने कलम से 

कब खंजरे खूं ख्वार से कम किलके रज़ा है

क्या शाने रज़ा शाने रज़ा शाने रज़ा है 


तशरीफ बिलाले हब्शी लायेंगे इसमें 

इमकां है उवैस करनी आयेंगे इसमें 

यह उर्से  रजा उर्से  रजा उर्से रजा है

क्या शाने रज़ा शाने रज़ा शाने रज़ा है

MUHAMMAD SAQIB

My Name Is Muhammad Saqib Raza Qadri Qureshi ( SAQIB QADRI ASJADI ) From PILIBHIT Nearest Bareilly Uttar Pradesh India 262001 | I am currently pursuing Bachelor of Arts

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