अल्लाह के रसूल ﷺ ने फरमाया→
मफहूम ए हदीस :
कोई उम्मत ऐसी नही के जिसका कुछ हिस्सा जन्नत में और कुछ हिस्सा जहन्नुम में न हो सिवाए मेरी उम्मत के , के वो पूरी जन्नत में जायेगी।
▪️(Tabrani - Mojam ul Ausat 1837)
यहां वोही लोग मुराद हैं जिनका सही अकीदे ( यानी - इस दौर में मसलक ए आला हज़रत ( मेरी मुराद अहले सुन्नत वल जमात ) पर खात्मा हो और इनमे कई मुसलमान जहन्नुम में भी डाले जाएंगे और अपनी सज़ा पाएंगे पर फिर अल्लाह की रहमत से उन्हें वापस हमेशा के लिए जन्नत में डाल दिया जायेगा।