ज़हे इज्ज़तो एतिलाए मुहम्मद | Zahe Izzato Aaitalaye Muhammad Naat E paak | Kalam E Aala Hazrat

 

ज़हे इज्ज़तो एतिलाए मुहम्मद | Zahe Izzato Aaitalaye Muhammad Naat E paak | Kalam E Aala Hazrat

ज़हे इज्ज़तो एतिलाए मुहम्मद

कि है अरशें हक जेरे पाए मुहम्मद


मकां अर्श उन का फ्लक फर्श उन का

मलक खादिमाने सराए मुहम्मद


खुदा की रिज़ा चाहते हैं दो आलम

खुदा चाहता है रिजाए मुहम्मद


अजब क्या अगर रहूम फरमा ले हम पर

खुदाए मुहुम्मद बराए मुहम्मद


मुहम्मद बराए जनाबे इलाही 

जनाबे इलाही बराए मुहुम्मद


बहम अहृद बांधे हैं वस्ले अबद का

रिज़ाए खुदा और रिज़ाए मुहम्मद


दमे नज्अ जारी हो मेरी जबां पर

मुहम्मद मुहम्मद खुदाए मुहम्मद


असाए कलीम अज्दहाए गज़ब था

गिरों का सहारा असाए मुहम्मद


मैं कुरबान क्या प्यारी प्यारी है निस्बत

येह आने खुदा वोह खुदाए मुहुम्मद


मुहम्मद का दम खास बहरे खुदा है

सिवाए मुहम्मद बराए मुहम्मद


खुदा उन को किस प्यार से देखता है

जो आंखें हैं महवे लिकाए मुहम्मद


जिलौ में इजाबत खवासी में रहमत

बड़ी किस तुजुक से दुआए मुहृम्मद


इजाबत ने झुक कर गले से लगाया

बढ़ी नाज़ से जब दुआए मुहम्मद


इजाबत का सेहरा इनायत का जोड़ा

दुल्हन बन के निकली दुआए मुहम्मद


रज़ा पुल से अब वज्द करते गुज़रिये

कि है रब्बे सल्लिम सदाए मुहम्मद


शायर→ आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा 

MUHAMMAD SAQIB

My Name Is Muhammad Saqib Raza Qadri Qureshi ( SAQIB QADRI ASJADI ) From PILIBHIT Nearest Bareilly Uttar Pradesh India 262001 | I am currently pursuing Bachelor of Arts

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