सवाल→ गैर मुल्लिद किसे कहते हैं और उनका अकीदा क्या है?
Gair Muqallid Kon Hain ?
Ahle Hadees Kise Kahte Hain?
Inka Aqeeda Kya Hai?
जवाब - गैर मुकुल्लिद जिसे एहले हदीस भी कहते हैं एक गुमराह और बद मज़हब फिरका है जो इमामों की पैरवी और इजमाअ (सरकार की उम्मत के इमामों और नेक हज़रात का किसी दीनी हुक्म या मसअले पर इत्तेफाक कर लेना) और क़्यास (कुरान या हदीस को आईना बनाकर दूसरे मसअले निकालना) का इनकार करते हैं पैरवी को हराम और बिदअत बताते हैं
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देवबंदी किसे कहते हैं इनके AQAID क्या हैं
और दीन के इमामों को गाली और बुराई से याद करते हैं और इमामों की पैरवी करने वालों को मुश्रिक बताते हैं। इस फिरके ने अपना नाम "आमिल बिल हदीस" रखा इसके पेशवा इसमाईल देहलवी और सिद्दीक हसन खाँ भोपाली और नज़ीर हुसैन देहलवी हैं। इस्माईल देहलवी ने यह नया मज़हब निकाला और हिन्दुस्तान में फैलाया,
गैर मुकाल्लिद यानी अहले हदीस के अकाइद ?
Ahle Hadees Ke AQAID
उनका अकीदा वही है जो वहाबी देवबन्दी का हे बल्कि उनसे भी एक दरजा आगे। और इनके मज़हब में यह भी है
कि राम चन्द्र लक्षमण,कृष्ण जो हिन्दुओं के पेशवा हैं नबी हैं, काफिर का ज़िबह किया हुआ जानवर हलाल उसका खाना जाइज़ है। मर्द एक वक़्त में जितनी औरतों से चाहे निकाह कर सकता है उसकी हद नहीं कि चार ही हों। मनी पाक है, मुता (कुछ वक़्त के लिऐ निकाह करना) जाइज़ है वगैरा
(इज़हारूलहक पेज 4 )
18, फ्तावा रिज़विया जिल्द 9 पेज 41, गैर मुकुल्लिदों के फरेब पेज 59 ता 64)