ये ना समझो के फकत पीर है गुलज़ार मिया
इश्क ओ इरफान को तस्वीर है गुलज़ार मिया
हुस्न ओ अख्लाक के पैकर हैं दोस्तों के लिए
दुश्मनों के लिए शमशीर है गुलज़ार मिया
बा खुदा सय्येदे अबरार हैं नाना इनके
यानी शहजादा ए शब्बीर है गुलज़ार मिया
जिनकी हर सांस में है मसलक ए आला हज़रत
हां वही जा़त ए बेनजीर है गुलज़ार मिया
कालपी ओ बिलगिराम और बरेली से तुम्हे
जोड़े दो पल में वो ज़ंजीर है गुलज़ार मिया
तिरमिजी कर दो ये ऐलान ज़माने भर में
कालपी वालों को तौक़ीर है गुलज़ार मिया
शायर : सय्यद सरकार गयास ए मिल्लत
कालपी शरीफ
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