मिल गई है क़ल्ब को राहत हुज़ूर अख्तर रज़ा
हश्र में दिलवाएंगे जन्नत हुज़ूर अख्तर रज़ा
रश्क करते हैं ये दुनिया देख कर नूरानियत
क्या हसीं है आपकी सूरत हुज़ूर अख्तर रज़ा
कट गई है जिंदगी रहे खुदा में आपकी
करते करते दीन की खिदमत हुज़ूर अख्तर रज़ा
बागीयाने मुस्तफा थर्रा रहें हैं इस लिए
हैं अदब के वास्ते आफत हुज़ूर अख्तर रज़ा
जो करें गुस्ताखियां अहमद रज़ा की शान में
उन पे होगी आपकी लानत हुज़ूर अख्तर रज़ा
मशहूद को हांसिल रज़ा का फ़ैज़ हो
और करे ये आपकी मिदहत हुज़ूर अख्तर रज़ा
शायर :
( अल्लामा मशहूद रज़ा बलरामपुरी )
lashkareRaza
Manqabat Huzoor TajushSharia